
बिहार में महागठबंधन के घटक दलों में राजद सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में उतारेगा। राजद ने सर्वाधिक 26 उम्मीदवार वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में उतारे थे। तब राजद को 22 सीटों पर जीत मिली थी। 20 वर्षों के बाद राजद अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग चुनाव मैदान में करने को तैयार है।
महागठबंधन में शामिल दलों में कांग्रेस को 9, भाकपा माले को 2 और भाकपा को एक सीट मिलने की उम्मीद है। माकपा को बिहार में जनाधार के अभाव में एक भी सीट देने पर विचार नहीं किया जा रहा है। हालांकि, माकपा ने भी अपनी दावेदारी पेश की है। जानकारी के अनुसार सोमवार को महागठबंधन की ओर से सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी। राजद के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज कुमार झा ने शुक्रवार को बताया कि सीट बंटवारे को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
कांग्रेस के खाते में भागलपुर, पटना साहिब, औरंगाबाद, सासाराम, नरकटियागंज, कटिहार, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली सीटें दिए जाने की संभावना है। जबकि पूर्णिया सीट को कांग्रेस कोटा में शामिल करते हुए महागठबंधन की ओर से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिए छोड़ा जा सकता है। कांग्रेस ने मधुबनी, मोतिहारी, पश्चिमी चंपारण व समस्तीपुर सीटों के लिए भी अपनी दावेदारी पेश की है। जबकि, भाकपा माले ने आरा, काराकाट, सीवान, जहानाबाद व कटिहार सीट के लिए दावेदारी की है, इनमें आरा व काराकाट सीट दिया जाने की चर्चा है। वहीं, भाकपा ने बेगूसराय, नवादा, मधुबनी व बांका संसदीय सीट की मांग की है। इनमें बांका राजद का परंपरागत सीट है और मधुबनी को लेकर माकपा व भाकपा दोनों की दावेदारी है।