
उत्तराखंड (देहरादून)14 जुलाई 2025: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से नगर के एक वेडिंग प्वाइंट में रविवार को गुरु दक्षिणा कार्यक्रम आयोजित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि साल 1925 में विजयदशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉ. बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई। आज शताब्दी वर्ष पूर्ण होने पर भी संगठन समाज और हिंदू को एक सूत्र में बांधने का काम कर रही है, जिसके लिए त्याग और समर्पण सर्वोपरि है।
शताब्दी वर्ष में संघ द्वारा पंच परिवर्तन की बात कही है जिसमें सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण, नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। मुख्य वक्ता क्षेत्रीय प्रचारक पदम ने बताया कि संघ साल भर में छह उत्सव मनाता है, उसी में से एक उत्सव गुरु पूर्णिमा भी है। भगवा ध्वज को संघ ने अपना गुरु माना हैं। भगवा ध्वज हमें अखंड भारत के साथ ही त्याग, समर्पण, शौर्य का चित्र भी दिखाता है। उस भगवा ध्वज को गुरु मानकर गुरु दक्षिणा कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि लगातार हिंदुओं पर अत्याचार और हिंदू समाज के जातियों में बांटे होने के कारण साल 1925 में राष्ट्रीय स्वयं संघ की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करना था। आज सौ वर्ष पूर्ण होने पर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक उन्ही विचारों पर चल रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संदीप बवाल ने की। जिला संचालक देवराज, नगर संचालक जयदीप बिजल्वाण, विजय तोमर, ज्ञान सिंह राणा, सुमित सिंह, जय.त राणा, योगेश सेमवाल, प्रकाश भट्ट, संजय सहगल, अशोक त्रिवेदी, शिवांश बर्तवाल, अभिनव बेंजवाल आदि मौजूद रहे।