
बच्चे ने घर में खेल-खेल में पेंच निगल लिया था
उत्तराखंड (ऋषिकेश) 19 फरवरी 2025: अखिल भारतीय स्थान ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से संचालित ब्रोंकोस्कोपी प्रयोगशाला में एक सात वर्ष के बच्चे के फेफड़े में फंसे पेंच को निकालकर चिकित्सकों ने उसे जीवनदान दिया है। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की आचार्य डा. रुचि दुआ के अनुसार हमारे विभाग को संस्थान के बालरोग विभाग के चिकित्सक डा. व्यास कुमार राठौड़ की ओर से जानकारी प्राप्त हुई कि भरतनगर, रुड़की हरिद्वार निवासी एक सात वर्ष के बच्चे रेहान को उसके परिजन ओपीडी में परीक्षण के लिए लाए हैं। जिसकी जांच में ज्ञात हुआ है कि बच्चे के फेफड़े में पेंच फसा हुआ है। परिजनों ने बाल रोग विभाग के चिकित्सक को अवगात कराया कि रेहान को बीते 15 दिनों से उल्टी ओर खांसी की शिकायत है। जिस से वह बच्चे को उचित इलाज के लिए एम्स, ऋषिकेश लेकर आए हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. व्यास कुमार राठौड़ के मुताबिक बच्चे की कुछ प्रारंभिक जांचें कराई गई। जिसमें उसकी छाती के एक्स-रे एवं सीटी स्कैन में बच्चे के फेफड़े में एक पेंच दिखाई दिया। इस विषय में चिकित्सक द्वारा बच्चे के अभिभावकों से पूछे जाने पर उन्हें बताया गया कि बच्चे ने घर में खेल – खेल में पेंच निगल लिया, जिसका पता परिजनों को नहीं लग पाया। बाल रोग विभाग से बच्चे से संबंधित उक्त जानकारी मिलने पर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की विशेषज्ञ चिकि्सक आचार्य डा.रुचि दुआ के साथ उनकी टीम के सदस्य डा. प्रखर शर्मी, डा.दीपांश गुप्ता, डा. ऋरित्वक सिंगला, डा. अवस्थी साबू के अलावा बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ डा. व्यास कुमार राठौड़,डा. मान सिंह, डा. श्रीजन, एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ डा.प्रियंका गुप्ता, डा. रीना , डा. अजहर, बाल शल्य चिकित्सा विभाग की विशेषज्ञ डा. शौर्यी व रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डा. राहुल देव की देखरेख में बच्चे के फेफड़े से सफलतापूर्वक पेंच को निकाल लिया गया ।