
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस्लामोफोबिया से लड़ने के लिए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भारत ने खरी-खरी सुना दी है। यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोच ने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल अब्राहमिक धर्मों से जुड़े लोगों और धार्मिक स्थलों को टारगेट किया जा रहा है बल्कि दुनियाभर में बड़ी संख्या में बौद्ध मठों, हिंदुओं के मंदिरों और सिखों के गुरुद्वारों पर भी हमला हो रहा है। भारत ने धार्मिक आधार पर हो रहे भेदभाव की बात करते हुए कनाडा और पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी। बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान और कनाडा में बड़ी संख्या में मंदिरों को टारगेट किया गया है।
इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर एक प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 115 देशों ने वोट किया। वहीं 44 देश वोटिंग में मौजूद नहीं थे। भारत ने इस्लामोफोबिया के साथ-साथ सभी धर्मों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सभी धर्मों के लिए खड़ा है और हर तरह के धार्मिक फोबिया का विरोध करता है।
कंबोज ने कहा, वर्तमान में एक रिलीजनोफोबिया है जिसकते तहत गुरुद्वारा, बौद्ध मठों, मंदिरों को भी टारगेट किया जा रहा है। कई देशों में उन धर्मों को टारगेट किया जा रहा है जो कि अब्राहमिक रिलीजन से अलग हैं। प्रमाण बताते हैं कि दशकों से एंटी हिंदू, एंटी सिख और एंटी बौद्ध ताकतें भी ऐक्टिव हैं। कंबोज ने कहा कि अगर केवल इस्लामोफोबिया से लड़ने के लिए ही कदम उठाए जाते हैं और अन्य धर्मों पर होने वाले हमलों को नजरअंदाज किया जाता है तो यह समावेशी और समान नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है आज जो प्रस्ताव लाया गया है उसके तहत सभी धर्मों पर होने वाले अत्याचार पर ध्यान दिया जाएगा।