
उत्तराखंड (विकास नगर) 18 जून 2025: खत कोरु चालदा मंदिर समिति की बैठक सोमवार को मंदिर प्रांगण कचटा में संपन्न हुई। बैठक में दोहा से चालदा महाराज के कचटा आगमन को लेकर विस्तृत कार्य योजना बनाई गई। यह भी तय हुआ है किं चालदा महाराज के आगमन के दौरान मांस और मदिरा प्रतिबंधित रहेगा।
देवता के आगमन पर बकरों की बलि नहीं दी जाएगी। खत कोरु के सदर स्याणा सुनील जोशी ने कहा है कि शैली खत के दोहा गांव से चालदा महाराज 2026 में लगभग 40 वर्षों के पश्चात कचटा में विराजित होंगे। खत वासियों के लिए यह पुण्य का अवसर है, इसलिए देवता के जागडे में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के पार्किंग, भंडारे, रहन सहन, विद्युत, पेयजल, आवागमन आदि तमाम व्यवस्थाओं को लेकर कार्य योजना तैयार की गई है।
मंदिर समिति अध्यक्ष सीताराम चौहान ने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि अभी खत कोरु के कचटा में देवता के आगमन के लिए करीब एक वर्ष का समय शेष है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि देवता के आगमन के दौरान बलि प्रथा व मदिरा सेवन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। यह पहला अवसर होगा जब देवता के आगमन पर बकरों की बलि नही दी जाएगी। खत कोरू में चालदा महाराज का आगमन पूर्ण रूप से धार्मिक अनुष्ठान होगा। श्रद्धालुओं के लिए व्यापक स्तर पर गाड़ियों के पार्किंग की और भंडारे की व्यवस्था की गई है।
इस दौरान धाम सिंह चौहान, श्याम सिंह राठौड़, बारु चौहान, हाकम सिंह चौहान, पूरन सिंह खन्ना, राजेंद्र दत्त शर्मा, सुभाष जोशी, अमर सिंह चौहान, भारत चौहान, शमशेर चौहान, अर्जुन सिंह, अनिल राठौड़, राजेंद्र सिंह, विरेंद्र सिंह चौहान, भाव सिंह चौहान, खुशीराम नेगी, केसर सिंह चौहान, हाकम सिंह चौहान, भोपाल सिंह, बहादुर सिंह चौहान, केदार सिंह, तिलक सिंह मौजूद रहे।