
उत्तराखंड (ऊखीमठ) 22 मई 2025: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण और शुभ लगनानुसार ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए।
बुधवार को ब्रह्म बेला पर गौडार गांव में मदमहेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी शिव लिंग ने अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान मदमहेश्वर सहित तैतीस कोटि देवी-देवताओं का आह्वान किया। ठीक प्रातः पांच बजे भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी।
डोली के कैलाश रवाना होने पर गौडार गांव सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों में भक्तों ने पुष्प, अक्षतों से अगुवाई की और लाल-वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी। डोली ने विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते देव दर्शनी पहुंचकर विश्राम किया। 11 बजे मदमहेश्वर धाम के भंडारी मदन सिंह पंवार, विशम्बर पंवार ने धाम से शंख ध्वनि देकर डोली को धाम आने का निमंत्रण दिया। डोली के साथ चल रहे भक्तों ने शंख ध्वनि देकर निमंत्रण को स्वीकार किया और डोली धाम के लिए रवाना हुई। डोली ने मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमा कर सहायक मन्दिरों में शीश नवाया और 11 बजकर 10 मिनट पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गए।