
उत्तराखंड (देहरादून) 9 सितंबर 2025: देहरादून में प्रस्तावित रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना के खिलाफ बस्ती बचाओ आंदोलन के बैनर तले सैकड़ों प्रभावितों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह परियोजना न केवल गरीबों को उजाड़ देगी, बल्कि शहर के पर्यावरण, नदी तंत्र और यातायात व्यवस्था को संकट में डाल देगी। आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी और महापौर को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें एलिवेटेड रोड परियोजना को रद करने, शहर की आंतरिक सड़कों, जल निकासी व्यवस्था, सार्वजनिक परिवहन और यातायात प्रबंधन में व्यापक सुधार की मांग की गई।
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने परेड मैदान से जिलाधिकारी कार्यालय कूच किया। जहां नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि राजपुर रोड से घंटाघर, दर्शनलाल चौक से प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन से सहारनपुर चौक, रिस्पना पुल, कांवली रोड, बल्लीवाला चौक, आइएसबीटी और बिंदाल क्षेत्र तक यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। शहर में घंटों जाम लगता है। सार्वजनिक परिवहन के अभाव में लोग निजी वाहनों पर निर्भर हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के बजाय निजी वाहनों की संख्या बढ़ा दी, जिससे न केवल जाम की समस्या बढ़ी है, बल्कि दुर्घटनाओं, प्रदूषण और नाबालिग ड्राइविंग जैसी समस्याएं भी विकराल रूप ले चुकी हैं।
प्रदर्शन में बस्ती बचाओ आंदोलन के संयोजक अनंत आकाश, जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष नुरैशा अंसारी, उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के संरक्षक नवनीत गुसाईं, नेताजी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभात डंडरियाल मौजूद रहे।