
उत्तराखंड (ज्योतिर्मठ) 26 मई 2025: श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा के कपाट जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के पवित्र जयघोष के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए।
इस अवसर पर गढ़वाल स्काउट्स के बैंड और पंजाब से आए दो बैंडों ने शोभायात्रा के आगे चलकर संगीतमय प्रस्तुति दी। मुख्य ग्रंथी मिलाप सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को अपने सिर पर धारण कर शीतकालीन निवास से गुरुद्वारा तक का मार्ग तय किया। धार्मिक समागम की शुरुआत सुबह 10 बजे सुखमनी साहिब के पाठ के साथ हुई। इसके बाद भाई मक्खन सिंह द्वारा कीर्तन किया गया। इसके पश्चात दोपहर 12:30 बजे मानवता के कल्याण के लिए अरदास की गई। हेमकुंट साहिब में पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं का समागम हुआ। आईटीबीपी, एसडीआरएफ और पुलिस ने पूरे ट्रेक मार्ग पर तैनात रहकर तीर्थयात्रियों को ग्लेशियर और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को पार करने में सहायता प्रदान की। इस अवसर पर हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के महाप्रबंधक सरदार सेवा सिंह, श्री हेमकुंट साहिब के प्रबंधक गुरनाम सिंह आदि मौजूद थे।