उत्तराखंड (नैनीताल) 25 जुलाई 2024: नैनीताल उच्च न्यायालय ने वह क्षेत्र अवादी वाला है। कूड़ा निस्तारण प्लॉट में पांच शहरों ऋषिकेश गुमानीवाला के आबादी क्षेत्र में बनने वाले कुड़े का निस्तारण किया जाना है।निस्तारण प्लांट के मामले में 134 पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी। इसके साथ ही अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद नियत कर दी है। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में चल रही है।
गौरतलब है कि ऋषिकेश निवासी समाजसेवी आशुतोष शर्मां ने उच्चन्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि नगर में सरकारी धन को ठिकाना लगाने के लिए आनन-फानन मैं ऋषिकेश के गुमानीवाला में कुड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की अनुमति दे दी गयी है, जिस क्षेत्र में यह प्लांट लगाया जा रहा हैं वह आबादी वाला क्षेत्र है। कूड़ा निस्तारण प्लांट में पांच शहरों के कूड़े का निस्तारण करना है
याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्रीय प्रदृषण बोर्ड की नियमावली के अनुसार यह प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर लगाया जाना था, लेकिन निगम ने इसे अवादी क्षत्र में लगाने की अनुमति दे दी गई, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश2019 के खिलाफ भी है। सुूप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि ऐसे प्लांट अवादी क्षेत्र से बाहर स्थापित किये जाय। राज्य प्रदृषण बोर्ड ने अपने शपथ पत्र में निगम के उस पत्र को कोर्ट के सामने रखा, जिसमे कहा गया कि इसकी जद में 134 पेड़ आ रहे है, उन्हें काटने की अनुमति दी जाय । इस पर कोर्ट ने रोक लगा दी।
