
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्हें चुनाव आयोग से अब कोई उम्मीद नहीं बची है क्योंकि आयोग जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि देश के निर्वाचन आयोग को पूरी तरह से मतदान बहाल करने में भूमिका निभानी चाहिए थी।
अब्दुल्ला ने श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा, “हमें चुनाव आयोग से कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि, उसे जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल करने में भूमिका निभानी चाहिए। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए अब 10 साल हो गए हैं।” उन्होंने राज्य में लोकसभा के साथ-साथ विधान सभा चुनाव कराने की भी मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली समिति ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के संबंध में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है और इसकी शुरुआत जम्मू-कश्मीर से करना सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा, “यदि आप इसे जम्मू-कश्मीर से शुरू नहीं कर सकते हैं तो हम क्या उम्मीदें रखेंगे… वे ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के बारे में जो ढोल पीट रहे हैं। क्या यह लोगों को धोखा देना और उन्हें मूर्ख बनाना नहीं है।”