
उत्तराखंड (देहरादून) 19 सितंबर 2025: वित्त विभाग ने दस करोड़ तक के कामों की शर्तों में ढील दे दी है। सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने इस बाबत राज्य में ई-प्रोक्योरमेन्ट व्यवस्था के अन्तर्गत समस्त विभागों के लिए 10 करोड़ तक के कार्यों की अधिप्राप्ति के लिए मानक निविदा प्रपत्र को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
असल में वित्त विभाग ने सभी विभागों के लिए चार किस्म के निर्माण कार्यों के लिए मानक निविदा दस्तावेज जारी किया था। लेकिन ठेकेदार बढ़े हुए टर्नओवर और विशिष्ट अनुभव की आवश्यकता से खुश नहीं थे। ठेकेदारों के संघ के साथ विचार-विमर्श के बाद, राज्य सरकार ने ठेकेदारों की मांगों को मान लिया है। अब नई संशोधित शर्तों में कहा गया विगत पांच वर्षों के निर्माण कार्यों का औसत वार्षिक टर्नओवर निविदा की लागत का 50 प्रतिशत होगा। निविदाकर्ता द्वारा विगत पांच वर्षों में कम से कम समान प्रति के न्यूनतम एक कार्य का अनुभव हो, जिसकी मात्रा निविदा की आआंकलित लागत का न्यूनतम 33 प्रतिशत हो। 1.5 करोड़ तक की लागत के निर्माण कार्य, पूर्व की भांति संगल एनवेलप सिस्टम के माध्यम से संपादित किये जाएंगे और इन निविदाओं मूल्यांकन के लिए न्यूनतम आवश्यक बिड कैपेसिटी के मानक लागू होंगे। निविदा प्रक्रिया में प्रतिभाग करने वाली फर्म के ज्वाइंट वेंचर फर्म होने की दशा में, जमानत धनराशि के लिए बैंक से ज्वाइंट वेंचर के नाम से एफडीआर बनाया जाना संभव न होने की दशा में ज्वाइंट वेंचर के लीज पार्टनर को ज्वाइंट वेंचर की ओर से जमानत धनराशि के लिए अधित किया जायेगा। इस कार्य के लिए किसी निविदादाता को सफल घोषित किये जाने से पूर्व अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। कार्य में प्रयुक्त मशीनरी एवं टूल्स की आयु प्रथम बार क्रय किये जाने की तिथि से 5 वर्ष से 8 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। संबन्धित विभाग निविदा प्रक्रिया में अपने विभागीय कार्यो की विशिष्टता के अनुरूप मशीनरी एवं टूल्स की आयु का निर्धारण निर्धारित समयसीमा के अन्तर्गत कर सकते हैं।